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Period & Pickles: Debunking the Kitchen Taboos for Menstruating Women

Debunking Period Myths: Why Women Can Confidently Touch Pickles and Enter the Kitchen During Menstruation

क्या पीरियड्स में महिलाएं अचार नहीं छू सकतीं या रसोई में नहीं जा सकतीं?

मासिक धर्म (Periods) को लेकर हमारे समाज में कई तरह की मान्यताएं और मिथक (myths) प्रचलित हैं। इनमें से कुछ सबसे आम हैं कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं अचार नहीं छू सकतीं, वरना वह खराब हो जाएगा, या उन्हें रसोई में नहीं जाना चाहिए। लेकिन क्या इनमें कोई सच्चाई है? आइए जानते हैं।

यह सिर्फ एक मिथक है, कोई सच्चाई नहीं!

सीधा और सरल जवाब यह है कि यह बात बिल्कुल सच नहीं है! यह केवल एक पुराना और गलत मिथक है, जिसका कोई वैज्ञानिक या तार्किक आधार नहीं है।

  • अचार खराब होने का दावा:
    • यह माना जाता था कि मासिक धर्म के दौरान महिला के छूने से अचार खराब हो जाता है।
    • वैज्ञानिक तथ्य: अचार के खराब होने का कारण बैक्टीरिया, नमी या अनुचित भंडारण होता है, न कि किसी व्यक्ति का छूना, चाहे वह मासिक धर्म में हो या नहीं। महिलाओं के शरीर से निकलने वाले रक्त का अचार पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
    • यह मिथक शायद स्वच्छता के शुरुआती दिनों से आया है, जब मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता सुविधाओं की कमी थी।
  • रसोई में प्रवेश करने का दावा:
    • कुछ जगहों पर यह माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएँ “अशुद्ध” होती हैं, इसलिए उन्हें रसोई या पूजा घर में नहीं जाना चाहिए।
    • वैज्ञानिक तथ्य: मासिक धर्म एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है, यह कोई बीमारी या “अशुद्धता” नहीं है। महिलाओं के शरीर में कुछ भी ऐसा नहीं होता जो उन्हें रसोई या किसी अन्य स्थान पर जाने से रोके।
    • यह मिथक सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं पर आधारित है, जिसका स्वास्थ्य या स्वच्छता से कोई लेना-देना नहीं है।

इन मिथकों के पीछे का संभावित कारण

इन मिथकों के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जो अक्सर अज्ञानता और सामाजिक धारणाओं पर आधारित होते हैं:

  • ज्ञान की कमी: पुराने समय में मासिक धर्म के बारे में वैज्ञानिक जानकारी नहीं थी, इसलिए लोगों ने अपनी धारणाओं के आधार पर नियम बना लिए।
  • आराम और अलगाव: कुछ लोगों का मानना है कि इन नियमों का मकसद महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान आराम देना था, क्योंकि यह एक थका देने वाला समय हो सकता है। हालांकि, यह अलगाव का रूप ले लिया।
  • भेदभाव: दुर्भाग्य से, कुछ हद तक यह महिलाओं के प्रति भेदभाव और उन्हें कुछ गतिविधियों से दूर रखने का एक तरीका भी बन गया।

निष्कर्ष

आज के आधुनिक युग में, हमें वैज्ञानिक तथ्यों पर विश्वास करना चाहिए। मासिक धर्म एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है। किसी भी महिला को मासिक धर्म के कारण किसी भी कार्य को करने या किसी स्थान पर जाने से रोका नहीं जाना चाहिए। महिलाओं को इस दौरान पूरी तरह से सामान्य जीवन जीने का अधिकार है और उन्हें किसी भी तरह के सामाजिक दबाव या मिथकों का शिकार नहीं होना चाहिए।

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