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Understanding Your Odds: What’s the Real Risk of Pregnancy?
Understanding Your Chances with and Without Birth Control

गर्भावस्था का जोखिम क्या है? अपनी और शिशु की सुरक्षा कैसे करें!
गर्भावस्था एक अद्भुत सफर है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम (जोखिम) भी होते हैं, जो माँ और शिशु दोनों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इन जोखिमों को समझना और उनका सही समय पर ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है ताकि गर्भावस्था सुरक्षित रहे और एक स्वस्थ शिशु का जन्म हो सके।
गर्भावस्था में सामान्य जोखिम क्या हो सकते हैं?
गर्भावस्था में कई तरह की चुनौतियाँ आ सकती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख जोखिम ये हैं:
- गर्भपात (Miscarriage):
- यह गर्भावस्था के 20वें हफ्ते से पहले ही खत्म हो जाना है।
- ज़्यादातर गर्भपात आनुवंशिक (जेनेटिक) समस्याओं के कारण होते हैं, जिनका माँ या पिता से कोई लेना-देना नहीं होता।
- कुछ मामलों में हार्मोनल असंतुलन, संक्रमण या गर्भाशय की समस्याओं के कारण भी हो सकता है।
- समय से पहले प्रसव (Preterm Birth):
- जब शिशु गर्भावस्था के 37वें हफ्ते से पहले ही पैदा हो जाता है।
- इससे बच्चे को सांस लेने में दिक्कत, कम वज़न, विकास में देरी या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- कारणों में संक्रमण, गर्भाशय की समस्या, या कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ (जैसे उच्च रक्तचाप) शामिल हैं।
- गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes):
- यह गर्भावस्था के दौरान होने वाला एक प्रकार का मधुमेह है।
- अगर इसे नियंत्रित न किया जाए, तो यह शिशु के आकार को बढ़ा सकता है (जिससे प्रसव मुश्किल हो सकता है), शिशु में जन्म के बाद रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है, या माँ को भविष्य में टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ सकता है।
- प्री–एक्लेम्पसिया (Preeclampsia):
- यह गर्भावस्था के 20वें हफ्ते के बाद विकसित होने वाली एक गंभीर स्थिति है, जिसमें उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) और पेशाब में प्रोटीन आता है।
- अगर इसे समय पर न संभाला जाए, तो यह माँ के अंगों (किडनी, लिवर) को नुकसान पहुँचा सकता है और शिशु के विकास को प्रभावित कर सकता है।
- प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याएँ (Placenta Problems):
- प्लेसेंटा प्रिविया (Placenta Previa): जब प्लेसेंटा गर्भाशय ग्रीवा (cervix) को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है, जिससे गंभीर रक्तस्राव हो सकता है।
- प्लेसेंटल एबरप्शन (Placental Abruption): जब प्लेसेंटा प्रसव से पहले ही गर्भाशय की दीवार से अलग हो जाता है, जिससे माँ और शिशु दोनों के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
- संक्रमण (Infections):
- कुछ संक्रमण (जैसे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन – UTI, या कुछ यौन संचारित संक्रमण – STI) गर्भावस्था के दौरान जटिलताएँ पैदा कर सकते हैं और शिशु को भी प्रभावित कर सकते हैं।
- एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic Pregnancy):
- जब निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर (अक्सर फैलोपियन ट्यूब में) प्रत्यारोपित हो जाता है।
- यह एक आपातकालीन स्थिति है और इसमें तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
- गर्भावस्था के दौरान रक्तस्राव (Bleeding during Pregnancy):
- गर्भावस्था के किसी भी चरण में रक्तस्राव होना चिंता का कारण हो सकता है।
- यह हल्के से लेकर गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है, जैसे गर्भपात का खतरा, एक्टोपिक प्रेगनेंसी, या प्लेसेंटा की समस्याएँ।
- जुड़वाँ या मल्टीपल प्रेगनेंसी (Multiple Pregnancy):
- जुड़वाँ या तीन बच्चे होने पर प्री-एक्लेम्पसिया, गर्भावधि मधुमेह और समय से पहले प्रसव का जोखिम बढ़ जाता है।
अपनी और शिशु की सुरक्षा कैसे करें?
इन जोखिमों को कम करने और एक स्वस्थ गर्भावस्था सुनिश्चित करने के लिए ये कदम उठाना बहुत ज़रूरी है:
- प्रीकनसेप्शन काउंसलिंग (Preconception Counseling): गर्भधारण से पहले डॉक्टर से मिलें और अपनी स्वास्थ्य स्थिति पर चर्चा करें।
- नियमित प्रसव पूर्व जांचें (Regular Antenatal Check-ups): गर्भावस्था के दौरान सभी निर्धारित जांचों के लिए नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाएं।
- स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle):
- संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें (डॉक्टर की सलाह पर)।
- पर्याप्त नींद लें।
- धूम्रपान और शराब से पूरी तरह बचें।
- दवाओं का सही उपयोग: डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न लें।
- जोखिम कारकों की पहचान और प्रबंधन: यदि आपको कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या (जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप) है, तो उसे गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान नियंत्रित रखें।
- लक्षणों पर ध्यान दें: किसी भी असामान्य लक्षण या चिंताजनक बात पर तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं।