Why do guys [ejaculate/get erections]?
The Mechanics of Male Arousal: Why Guys Get Hard and How They Release

पुरुषों को इरेक्शन (स्तंभन) और स्खलन (ejaculation) क्यों होता है?
पुरुषों में इरेक्शन (लिंग का खड़ा होना) और स्खलन (वीर्य का निकलना) दोनों ही यौन क्रिया के बहुत ज़रूरी हिस्से हैं। ये शरीर की कुछ खास शारीरिक और दिमागी प्रक्रियाओं के कारण होते हैं।
पुरुषों को इरेक्शन (स्तंभन) क्यों होता है?
इरेक्शन तब होता है जब लिंग खून से भर जाता है और कठोर हो जाता है। यह एक पेचीदा प्रक्रिया है जिसमें हमारा दिमाग, हार्मोन, नसें, मांसपेशियां और खून की नसें शामिल होती हैं।
- यौन उत्तेजना: जब एक पुरुष यौन रूप से उत्तेजित होता है (यह किसी चीज़ को देखने, छूने, सुनने, सोचने या कल्पना करने से हो सकता है), तो दिमाग से लिंग तक जाने वाली नसें सक्रिय हो जाती हैं।
- खून का बहाव बढ़ना: ये नसें लिंग की खून की नलियों को आराम देती हैं, जिससे लिंग में खून का बहाव तेज़ी से बढ़ जाता है।
- लिंग का खून से भरना: लिंग के अंदर स्पंज जैसी तीन नलिकाएं होती हैं जिन्हें कॉर्पोरा कैवर्नोसा (corpora cavernosa) और कॉर्पस स्पोंजियोसम (corpus spongio-sum) कहते हैं। जब खून इन नलिकाओं में भर जाता है, तो लिंग बड़ा और कठोर हो जाता है।
- खून का रुकना: उसी समय, लिंग की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून लिंग से बाहर नहीं निकल पाता। यह लिंग को तब तक कठोर रखता है जब तक उत्तेजना बनी रहती है या स्खलन नहीं हो जाता।
आसान शब्दों में कहें तो, इरेक्शन मुख्य रूप से यौन उत्तेजना के कारण लिंग में खून का बहाव बढ़ने और उसके वहीं रुकने से होता है। यह यौन संबंध बनाने के लिए ज़रूरी है। कभी-कभी सुबह उठने पर या बिना किसी स्पष्ट यौन उत्तेजना के भी इरेक्शन हो सकता है, जो सामान्य है।
पुरुषों को स्खलन (Ejaculation) क्यों होता है?
स्खलन वह प्रक्रिया है जिसमें वीर्य (semen) लिंग से बाहर निकलता है। यह आमतौर पर यौन उत्तेजना के सबसे ऊंचे स्तर (चरमोत्कर्ष या orgas-m) पर होता है और दिमाग द्वारा नियंत्रित होता है।
स्खलन दो मुख्य चरणों में होता है:
- वीर्य का इकट्ठा होना (Emission Phase):
- जब यौन उत्तेजना बहुत बढ़ जाती है, तो दिमाग रीढ़ की हड्डी के ज़रिए जननांगों को संकेत भेजता है।
- इन संकेतों के कारण शुक्राणु अंडकोष से वास डेफेरेंस (vas deferens) नामक नलिकाओं के ज़रिए प्रोस्टेट ग्रंथि तक जाते हैं।
- प्रोस्टेट ग्रंथि और सेमिनल वेसिकल्स (seminal vesicles) से तरल पदार्थ शुक्राणुओं के साथ मिल जाते हैं, जिससे वीर्य बनता है। यह वीर्य मूत्रमार्ग (urethra) के शुरुआती हिस्से में इकट्ठा हो जाता है।
- वीर्य का बाहर निकलना (Expulsion Phase):
- एक बार जब वीर्य मूत्रमार्ग में इकट्ठा हो जाता है, तो लिंग और उसके आसपास की मांसपेशियां तेज़ी से सिकुड़ती हैं।
- ये संकुचन वीर्य को लिंग से बाहर धकेलते हैं।
- इसी समय, मूत्राशय (bladder) के मुंह पर मांसपेशियां कस जाती हैं ताकि वीर्य मूत्राशय में वापस न जा सके।
- यह चरण आमतौर पर चरमसुख (orgasm) के साथ होता है, जिससे बहुत खुशी महसूस होती है।
स्खलन क्यों होता है?
- बच्चे पैदा करना (प्रजनन): स्खलन का मुख्य जैविक मकसद बच्चे पैदा करना है, जिसमें शुक्राणु महिला के प्रजनन अंगों तक पहुंचते हैं।
- आनंद: यह यौन उत्तेजना के चरम पर एक बहुत ही सुखद और संतोषजनक शारीरिक प्रतिक्रिया है।
ज़रूरी बात: इरेक्शन और स्खलन दोनों ही पेचीदा शारीरिक प्रक्रियाएं हैं। कभी-कभी इनमें समस्याएँ आ सकती हैं, जैसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन (इरेक्शन में समस्या) या शीघ्रपतन (जल्दी स्खलन)। ऐसे मामलों में, किसी डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना ज़रूरी है।